मध्य प्रदेश

नए साल पर झटका: टाइगर रिज़र्व के रिसॉर्ट्स और होटलों में अब नहीं जलेगा अलाव, सुप्रीम कोर्ट ने लगाया रोक

भोपाल
सुप्रीम कोर्ट ने वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए कोर एरिया में मोबाइल फोन के बाद अब टाइगर रिजर्व, नेशनल पार्क और वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के आसपास के इलाकों में लकड़ी के 'अलावा' जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। PCCF स्तर से इस आशय का आदेश जारी किया गया है।

जानकारी अनुसार मध्य प्रदेश वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक वाइल्ड लाइफ शुभ रंजन सेन ने प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व, नेशनल पार्क व वन्य प्राणी अभयारण्य के लिए आदेश जारी किया है, जिसमें उल्लेख है कि इनके आसपास लकड़ी के 'अलाव' जलाना प्रतिबंधित किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के परिपालन में यह आदेश दिया गया गया है। आदेश में स्पष्ट उल्लेख है कि ईको सेंसिटिव जोन में होटल, रिसोर्ट और बिजनेस सेंटर्स में लकड़ी के अलाव नहीं जलाए जा सकेंगे। यहां लकड़ी जलाने पर पूरी तरह मनाही है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कमर्शियल उपयोग के लिए फायरवुड जलाने पर स्पष्ट रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। इसमें पर्यटकों के नाम पर व्यावसायिक सेंटर में होने वाले आयोजनों में अलाव भी प्रतिबंधित रहेगा। किचिन में भी लकड़ी का उपयोग नहीं किया जाएगा। प्रदेश में टाइगर रिजर्व, नेशनल पार्क और वन्य प्राणी अभयारण्य के अधिकारियों को इसके उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

क्रिसमस और न्यू ईयर पार्टियों में खूब अलाव जलते हैं

बता दें कि क्रिसमस और न्यू ईयर के मौके पर टाइगर रिजर्व, नेशनल पार्क के अधीन बने होटल-रिसोर्ट में विशेष आयोजन रखे जाते हैं, पार्टियों का भव्य आयोजन होता है। इसमें अलाव भी खूब जलाए जाते हैं। लेकिन अब प्रतिबंध के बाद लकड़ी नहीं जलाई जा सकेगी।

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