नक्सल विरोधी अभियान को मिली बड़ी सफलता, 22 इनामी माओवादियों ने डीजीपी के सामने किया आत्मसमर्पण

सुकमा
पिछले कई सालों से सुकमा जिले के केरलापाल और दोरनापाल इलाके में सक्रिय रहे 22 माओवादियों ने ओड़िसा के मलकानगिरी में डीजीपी के समक्ष आत्म समर्पण किया है। सभी पर ₹1 करोड़ 84 लाख का इनाम घोषित था। माओवादियों ने AK-47 समेत 9 हथियार लेकर पहुंचे थे। सभी माओवादियों का फूल के साथ स्वागत किया गया और शासन की पुनर्वास नीति का लाभ देने की बात अधिकारियों ने कही।
मंगलवार को जिले की सीमा से लगा ओड़िसा का मलकानगिरी जिला मुख्यालय में 22 माओवादियों ने आत्म समर्पण कर दिया। ओड़िसा के डीजीपी योगेश बहादुर खुरानिया और एडीजी नक्सल संजीप पंडा ने सभी माओवादियों को फूल देकर स्वागत किया। इन 22 माओवादियों पर 1 करोड़ 84 लाख का इनाम घोषित था। सभी को फूल दिया गया और मुख्यधारा से जुड़ने की बधाई दी गई। इस दौरान अखिलेश्वर सिंह डीआइजी एसआईडब्ल्यू समेत पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
इन माओवादियों ने किया आत्म समर्पण
लिंगे उर्फ मुये मड़कम (डीसीएम कमांडर) सुकमा, बामन मड़कम (एसीएम कमांडर दोरनापाल एलओएस), सुक्का मुचाकि (एसीएम कमांडर बडेशेट्टी एलओएस), एतु अलमी उर्फ रितेश (एसीएम केरलापाल एलओएस), कोसा कब्सी (एसीएम कमांडर प्लाटून 26), बटी मड़कम (एसीएम डिप्टी कमांडर), जोगी मुचाकी (एसीएम केरलापाल), रीता पोडियम (पीएम प्लाटून 31), जोगी सोढ़ी (पीएम दोरनापाल), भीमे कलमु (पीएम दोरनापाल) मंगली बंजामी (प्लाटून 26), जोगा मुचाकी (प्लाटून 26), अडमे मुचाकी (प्लाटून 26), माड़वी कोसा (पीएम केरलापाल), कुंजाम हुर्रा (पीएम केरलापाल), माडा माड़वी (पीएम केरलापाल), मुचाकी हिड़मा (पीएम केरलापाल), देबा माड़वी (पीएम दोरनापाल), अर्जुन मंडावी (पीएम जगरगुंडा), सागर (पीएम सीसी प्रोटेक्शन टीम), सोमे मीडियम (पीएम Aibszc) ओर अनिला (पीएम कंपनी 10 गड़चिरोली एसी) ने आत्म समर्पण किया।
AK-47 समेत ये हथियार बरामद
आत्म समर्पण करने पहुंचे माओवादियों के पास सरेंडर के दौरान नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को हथियारों का जखीरा सौंपा. इनमें 1 AK-47, 2 INSAS राइफल, 1 SLR समेत कुल 9 हथियार, भारी मात्रा में गोला-बारूद और अन्य नक्सली सामग्री शामिल है. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार यह आत्मसमर्पण नक्सल विरोधी अभियान की बड़ी सफलता है और इससे इलाके में शांति बहाली की उम्मीद मजबूत हुई।
डीजीपी योगेश खुरानिया ने कहा कि सभी माओवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ा है और मुख्य धारा से जुड़े है उनका स्वागत किया गया। बाकी बचे हुए माओवादियों से अपील है कि वो भी हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्य धारा से जुड़े।



