छत्तीसगढ़

एनएसयूआई के लोग आखिर विरोध किस बात का कर रहे थे : सुनील सोनी

रायपुर

भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुनील सोनी ने कहा है कि सोमवार को जो व्यवहार कांग्रेस के गुंडों ने उनके (श्री सोनी के) कार्यक्रम में किया, यह भविष्य की झलक है कि कांग्रेस अब शांत छत्तीसगढ़ में चुनाव को अपराध और हिंसा की दिशा में ले जाने का षड्यंत्र रच रही है। सोनी ने कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे शांत प्रदेश को प. बंगाल बनाने का प्रयास न करें। सोनी ने सवाल दागा कि विश्व में भारत का मान बढ़ाने वाले चंद्र यान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग से आखिर तकलीफ क्यों हो रही है? सोमवार को इस वैज्ञानिक सफलता और मतदाता जागरुकता के विशुद्ध गैर-राजनीतिक कार्यक्रम के दौरान एनएसयूआई के कार्यकतार्ओं द्वारा किए गए हंगामे और अमर्यादित आचरण पर क्षोभ व्यक्त करते हुए सोनी ने कहा कि इस तरह का आपराधिक आचरण करके कांग्रेस ने अपने चिर-परिचित राजनीतिक चरित्र का शर्मनाक प्रदर्शन किया है। विदित रहे, सांसद सोनी इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे।

एकात्म परिसर में आहूत पत्रकार वार्ता में कहा कि यह नितांत समझ से परे है कि एनएसयूआई के लोग आखिर विरोध किस बात का कर रहे थे? चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग ने तो विश्व में भारत की धाक कायम की है और पूरा देश उससे गौरवान्वित हुआ है, क्या एनएसयूआई के लोग इस संबंध में हो रहे कार्यक्रम का विरोध कर रहे थे? या फिर, क्या मतदाताओं को शत-प्रतिशत मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए हो रहा कार्यक्रम विरोध का विषय हो सकता है? श्री सोनी ने आरोप लगाया कि एनएसयूआई के कार्यकर्ता महाविद्यालयीन छात्राओं व महिलाओं की उपस्थिति के बावजूद गाली-गलौज, अश्लील नारेबाजी कर रहे थे, जिससे स्पष्ट होता है कि वहाँ केवल गुंडागर्दी करके हंगामा खड़ा करने और कार्यक्रम को बाधित करने की नीयत से ही एनएसयूआई के लोग पहुँचे थे। ऐसा इस महाविद्यालय में प्राय होता है। श्री सोनी ने कहा कि छात्राओं व महिलाओं की मौजूदगी के बावजूद की गई गुंडागर्दी कांग्रेस की उसी राजनीतिक संस्कृति का परिचायक है, जिसके चलते कांग्रेस के शासनकाल में मासूम बच्चियों से लेकर वृद्ध महिलाएँ तक अनाचार की शिकार हो रही हैं।

सोनी ने कहा कि इस घटना के संबंध में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और चुनाव आयोग को पत्र लिखेंगे। वह स्वयं महाविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रहे हैं एवं छात्र जीवन से ही राजनीति में हैं, किन्तु ऐसी अभद्रता उन्होंने अपने जीवन में कभी नहीं देखी, जहाँ शिक्षा के मंदिर में विद्यार्थियों के समक्ष ऐसी भाषा का उपयोग किया जाता हो।

Related Articles

Back to top button