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घोषणा पत्र के मसौदे पर भी चीन लगा रहा अड़ंगा, आम सहमति बनाने में कठिनाइयों का सामना कर रहे शेरपा

नई दिल्ली
 जी-20 शिखर सम्मेलन के केवल चार दिन शेष रह गए हैं। इस बीच सदस्य देशों के शेरपाओं (शीर्ष वार्ताकार) ने सोमवार को इस सम्मेलन के लिए नेताओं के घोषणा पत्र के मसौदे को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर आम सहमति बनाने के लिए व्यापक बातचीत की। अधिकारियों ने बताया कि जी-20 शेरपाओं ने मुख्य रूप से डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के लिए वैश्विक स्तर पर स्वीकार्य शासन की रूपरेखा बनाने, महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को सुनिश्चित करने के कदम उठाने, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वित्तपोषण और बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी) को मजबूत करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया।
 

चीन को एजेंडे की बातों के विभिन्न पहलुओं पर आपत्ति

शेरपाओं की तीन दिवसीय बैठक हरियाणा के नूंह जिले में आइटीसी ग्रैंड भारत होटल में हो रही है। बैठक की अध्यक्षता भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि चीन को एजेंडे की बातों के विभिन्न पहलुओं पर आपत्ति है, जिसके परिणामस्वरूप आम सहमति बनाने में कठिनाइयां हो रही हैं।

चूंकि जी-20 सर्वसम्मति के सिद्धांत पर काम करता है, इसलिए किसी एक सदस्य देश का अलग दृष्टिकोण बाधा उत्पन्न कर सकता है। नेताओं के घोषणा पत्र का मसौदा समावेशी व सतत विकास, हरित विकास, बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार और डिजिटल परिवर्तन जैसी भारत की प्राथमिकताओं पर आधारित है।

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