छत्तीसगढ़

बलरामपुर : शिव गुरु महोत्सव में उमड़ा जनसैलाब, झारखंड से भी बड़ी संख्या में पहुंचे लोग

बलरामपुर/रायपुर.

बलरामपुर रामानुजगंज ग्राम तातापानी के गर्म जल स्रोत स्थान के विशाल मैदान में शिव शिष्य परिवार के द्वारा विराट शिव गुरु महोत्सव शिव शिष्य हरिद्रानंद जी की पुत्रवधू बरखा आनंद के उपस्थिति में आयोजित किया गया। जिसमें हजारों के संख्या में शिव शिष्य परिवार के लोग छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों एवं झारखंड से भी काफी संख्या में पहुंचे थे। विराट शिव गुरु महोत्सव में शिव भगवान के महिमा की चर्चा हुई एवं शिव नाम संकीर्तन हुआ।

शिव शिष्य हरिद्रानंद जी के संदेश को लेकर आई विराट शिव गुरु महोत्सव की मुख्य वक्ता बरखा आनंद ने कहा कि शिव केवल नाम के नहीं अपितु काम के गुरु हैं। शिव अवघड़दानी स्वरूप से धन्य, धान्य संतान,संपदा आदि प्राप्त करने का व्यापक प्रचलन है तो उनके गुरु स्वरूप से भी ज्ञान भी क्यों नहीं प्राप्त किया जाए ? किसी संपत्ति या संपदा का उपयोग ज्ञान की अभाव में घातक हो सकता है उन्होंने कहा कि शिव जगतगुरु हैं अतः जगत का एक-एक व्यक्ति चाहे वह किसी धर्म, जाति,संप्रदाय, लिंग का हो शिव को अपना गुरु बना सकता है शिव का शिष्य होने के लिए किसी पारम्परिक औपचारिकता अथवा दीक्षा की आवश्यकता नहीं है केवल यह विचार की शिव मेरे गुरु हैं।

शिव की शिष्यता की स्वमेव शुरुआत करता है। इसी विचार का स्थाई होना हमको आपको शिव का शिष्य बनाता है। आप सभी को ज्ञात है कि शिव शिष्य साहब श्री हरिद्रानंद जी ने सन 1974 में शिव को अपना गुरु माना 1980 के दशक आते-आते शिव की शिष्यता की अवधारणा भारत भूखंड के विभिन्न स्थानों पर व्यापक तौर पर फैलती चली गई। शिव शिष्य साहब श्री हरिद्रानंद  जी और उनकी धर्मपत्नी दीदी नीलम आनंद जी के द्वारा जाति, धर्म लिंग, वर्ण संप्रदाय आदि से परे मानव मात्र को भगवान शिव के गुरु स्वरूप से जुड़ने का आह्वान किया।

Related Articles

Back to top button