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सीएम योगी का विजन : तीन करोड़ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की सबसे बड़ी मुहिम

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत घर-घर संपर्क कर समूह में जोड़ने की रणनीति

लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नया कीर्तिमान गढ़ने की ओर बढ़ रहा है। प्रदेश सरकार ने तीन करोड़ महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य तय किया है। इसके तहत एक वर्ष में एक करोड़ महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ के रूप में तैयार करने की व्यापक कार्ययोजना पर काम शुरू हो चुका है।
मुख्यमंत्री योगी का स्पष्ट विजन है कि प्रदेश की महिलाएं केवल लाभार्थी न रहें, बल्कि आर्थिक प्रगति की भागीदार बनें। इसी सोच के तहत कृषि और गैर-कृषि आधारित आजीविका मॉडल को मजबूती दी जा रही है, ताकि ग्रामीण महिलाओं को स्थायी आय के अवसर मिल सकें।

आत्मनिर्भर बनेंगीं महिलाएं
योगी सरकार उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (UPSRLM) के माध्यम से गांव-गांव महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ने जा रही है। प्रशिक्षित टीमें घर-घर संपर्क कर महिलाओं को आजीविका से जोड़ने का काम करेंगी। इसकी पूरी कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। महिलाओं को कृषि, पशुपालन, डेयरी, हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्करण, सूक्ष्म उद्योग और सेवा क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही उन्हें तत्काल पूंजी सहायता और मार्केट सपोर्ट भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

सशक्त महिला, समृद्ध प्रदेश
जब तक गांव-गांव घर-घर की महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत नहीं होगी, तब तक परिवार और समाज पूरी तरह से सशक्त नहीं हो सकता। इसी सोच के अनुरूप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को इस विजन को युद्धस्तर पर पूरा करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही योगी सरकार ने महिलाओं के लिए लखपति दीदी योजना को मिशन मोड में लागू करने के लिए निर्देशित किया है।

अर्थव्यवस्था के साथ सामाजिक संरचना को भी मिलेगी मजबूती
योगी सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में महिलाएं न केवल स्वरोजगार अपनाएं, बल्कि दूसरों को भी रोजगार देने वाली बनें। इसके लिए प्रशिक्षण, तकनीक, बाजार और वित्त चारो स्तरों पर ठोस व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश अब केवल योजनाओं का राज्य नहीं, बल्कि महिला नेतृत्व वाले विकास मॉडल का उदाहरण बनता जा रहा है। यह पहल प्रदेश की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ सामाजिक संरचना को भी मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

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