मध्य प्रदेश

दो साल में करप्शन दोगुना बढ़ा, देश में हम चौथे नंबर पर

भोपाल

मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामलों में तेजी से उछाल आया है। दो साल में करप्शन के मामलों ने दोगुना छलांग लगाई है। देश में करप्शन पर कार्यवाही में प्रदेश चौथे नंबर पर है। यह कार्यवाही लोकायुक्त पुलिस और ईओडब्ल्यू की मिलाकर मानी जा रही है। यह खुलासा हाल ही में जारी हुई नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी ) के डाटा में सामने आई है।

एनसीआरबी ने दिसंबर महीने में पिछले साल यानि 2022 की रिपोर्ट जारी की है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में वर्ष 2022 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 294 मामले दर्ज हुए हैं। जबकि वर्ष 2021 में यह संख्या 250 थी और वर्ष 2020 में 151 मामले दर्ज हुए थे। वर्ष 2020 की तुलना में 2022 में लगभग दोगुना मामले दर्ज हुए।

ढाई सौ से ज्यादा रिश्वत लेते पकड़ाए
मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा मामले रिश्वत लेने के सामने आए। इनमें से 257 प्रकरण लोकायुक्त पुलिस और ईओडब्ल्यू में दर्ज हुए हैं। जबकि महाराष्टÑ में ट्रेप के मामले 728, राजस्थान में 465 मामले दर्ज हुए। ट्रेप पर एक्शन लेने में मध्य प्रदेश तीसरी नंबर पर रहा है। मध्य प्रदेश में अनुपातहीन सम्पत्ति पर वर्ष 2022 में 17 मामले दर्ज किए हैं। जबकि ओडीसा में 85, कर्नाटक में 56, बिहार में 48, राजस्थान में 27 मामले दर्ज हुए। अनुपातहीन सम्पत्ति के मामले दर्ज करने में मध्य प्रदेश पांचवे नंबर पर है।

महाराष्टÑ पहले नं. पर
पीसी एक्ट के तहत दर्ज होने वाले अपराधों में मध्य प्रदेश का नंबर चौथा है। सबसे ज्यादा इस एक्ट के तहत अपराध महाराष्टÑ में दर्ज हुए। महाराष्टÑ में 2022 में 749 मामले दर्ज हुए हैं। जबकि राजस्थान में इसी वर्ष 511 और कर्नाटक में 389 मामले दर्ज हुए। इसके बाद मध्य प्रदेश का नंबर आता हैं, जहां पर 294 मामले दर्ज हुए हैं।

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