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गडकरी ने किया बड़ा खुलासा: हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत से पहले उनसे हुई थी मुलाकात

नई दिल्ली

मिड‍िल ईस्‍ट की राजनीति में भूचाल लाने वाली एक घटना, जिसने पूरी दुनिया को चौंका दिया था, वह थी हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या. तेहरान में एक बेहद सुरक्षित माने जाने वाले आर्मी कैंपस में उन्‍हें उड़ा द‍िया गया था. अब इस घटना के महीनों बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है. गडकरी ने बताया कि अपनी हत्या से महज कुछ घंटे पहले इस्माइल हानिया उनके साथ ही था.

एक बुक लॉन्‍च के दौरान नितिन गडकरी ने उस रात की पूरी कहानी बयां की, जब वे ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए तेहरान में थे. गडकरी ने उस घटनाक्रम को याद किया जिसने उन्हें हाल के वर्षों की सबसे हाई-प्रोफाइल राजनीतिक हत्याओं में से एक के बेहद करीब लाकर खड़ा कर दिया था. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुरोध पर वे ईरान गए थे. पीएम मोदी ने उनसे ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करने को कहा था. यह एक कूटनीतिक दौरा था, लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि वहां का माहौल कुछ ही घंटों में इतना भयानक रूप ले लेगा. गडकरी ने बताया कि समारोह से पहले, वे तेहरान के एक आलीशान पांच सितारा होटल में मौजूद थे. वहां का माहौल काफी अनौपचारिक था. दुनिया भर के कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष और वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति चाय और कॉफी पर चर्चा कर रहे थे.

वह आखिरी मुलाकात
उस शाम को याद करते हुए गडकरी ने कहा, वहां विभिन्न देशों के सभी राष्ट्राध्यक्ष मौजूद थे, लेकिन एक व्यक्ति जो राष्ट्राध्यक्ष नहीं था, वह भी वहां था… हमास नेता इस्माइल हानिया. मैं उससे वहीं मिला था. मैंने उसे राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधीश के साथ शपथ ग्रहण समारोह में जाते हुए देखा था. वह वहां मौजूद बाकी गणमान्य लोगों की तरह ही सामान्य दिख रहा था.

यह मुलाकात बताती है कि अपनी मौत से पहले हानिया कितना निश्चिंत था. वह अंतरराष्ट्रीय नेताओं के बीच था और ईरान की सबसे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के भरोसे वहां घूम रहा था. गडकरी और हानिया एक ही हॉल में थे, शायद एक-दूसरे से कुछ ही दूरी पर.

रात के 4 बजे दरवाजा खटखटाया और कहा- ‘तुरंत निकलना होगा’

शपथ ग्रहण समारोह खत्म होने के बाद नितिन गडकरी अपने होटल वापस आ गए. लेकिन असली ड्रामा देर रात शुरू हुआ. गडकरी ने बताया, शपथ ग्रहण समारोह के बाद मैं अपने होटल लौट आया. सब कुछ सामान्य लग रहा था. लेकिन तड़के करीब 4 बजे, भारत में ईरान के राजदूत मेरे पास आए. वे काफी घबराए हुए थे और उन्होंने मुझसे कहा कि हमें अभी निकलना होगा. गडकरी ने हैरान होकर पूछा, क्या हुआ? इतनी जल्दी क्यों? तब राजदूत ने उन्हें वह खबर दी, जिसने पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया था. उन्होंने कहा, हमास चीफ की हत्या कर दी गई है.

    गडकरी ने कहा, मैं स्तब्ध रह गया. मैंने पूछा कि यह कैसे हुआ? उस समय राजदूत ने कहा, मुझे अभी तक नहीं पता कि यह कैसे हुआ, लेकिन हमें यहां से जाना होगा.

कब हुई हत्‍या

ईरानी अधिकारियों ने बाद में पुष्टि की कि हत्या 31 जुलाई को तड़के करीब 1:15 बजे हुई थी. यानी जिस वक्त गडकरी होटल में सो रहे थे, उससे कुछ ही दूरी पर, तेहरान के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले इलाके में एक मिसाइल या बम ने हमास प्रमुख के कमरे को उड़ा दिया था. हानिया इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) की देखरेख में एक सैन्य परिसर में ठहरा हुआ था. इस हमले में उसका अंगरक्षक भी मारा गया था.

हत्या का रहस्य: फोन कॉल या मिसाइल?
गडकरी ने दर्शकों को बताया कि आज भी इस बात को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है कि हमास नेता को वास्तव में कैसे मारा गया. उन्होंने कहा, कुछ लोग कहते हैं कि मोबाइल फोन के इस्तेमाल के कारण उसकी लोकेशन ट्रेस हुई और वह मारा गया. कुछ कहते हैं कि यह किसी और तरीके से हुआ.

लेकिन इस घटना का जिक्र करते हुए गडकरी ने एक बहुत महत्वपूर्ण बात कही. उन्होंने इजरायल का उदाहरण देते हुए कहा, अगर कोई देश मजबूत है, तो कोई उस पर हाथ नहीं डाल सकता. उन्होंने इजरायल को एक छोटा सा देश बताया जिसने अपनी तकनीकी दक्षता और सैन्य क्षमता के दम पर दुनिया में अपना प्रभाव जमाया है. गडकरी का इशारा साफ था कि इजरायल ने अपने दुश्मन को उसके घर (ईरान) में घुसकर मारा, जो उसकी ताकत का प्रमाण है.

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