मध्य प्रदेश

गरबे रात 10 बजे तक कैसे खत्म करेंगे, प्रशासन से 12 बजे तक की अनुमति देने की मांग

इंदौर

नवरात्रि उत्सव और गरबा आयोजन को चुनाव आचार संहिता से अलग रखने की मांग उठने लगी है। नेताओं का कहना है कि आचार संहिता का पालन जरूरी है लेकिन आचार संहिता परंपरागत आयोजनों पर लागू नहीं होती है।

प्रशासन को नवरात्रि उत्सव को आचार संहिता से मुक्त करना चाहिए। आचार संहिता के अनुसार रात 10 बजे बाद ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग नहीं किया जा सकता। गरबों का आयोजन तो शुरू ही रात आठ बजे से होता है ऐसे में रात 10 बजे तक गरबा को खत्म करना मुश्किल है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता एडवोकेट प्रमोद द्विवेदी ने कहा कि गरबों को राजनीति से अलग रखा जाना चाहिए। प्रशासन को चाहिए कि वह गरबे को परंपरागत रूप से दी जाने वाली रात 12 बजे तक की अनुमति दे दें। कांग्रेस नेता संजय शुक्ला ने कहा कि चुनाव आयोग के द्वारा लागू की गई चुनाव आचार संहिता में ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग पर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक प्रतिबंध होता है।

चुनाव आयोग ने यह प्रतिबंध खास तौर पर राजनीतिक कार्यक्रमों के आयोजन को ध्यान में रखते हुए लगाने का प्रविधान किया है। आवश्यकता होने पर राज्य निर्वाचन अधिकारी या केंद्रीय निर्वाचन आयोग से भी इस बारे में सलाह ली जा सकती है। नवरात्रि मां की साधना और आराधना का पर्व है ।

इस दौरान भक्तों के द्वारा गरबे किए जाते हैं। प्रशासन को चाहिए कि गरबा उत्सव के आयोजन को परंपरागत तरीके से जैसी अनुमति मिलती रही है, इस तरह की अनुमति देने की दिशा में पहल की जाए।

Related Articles

Back to top button