मध्य प्रदेश

IAS संतोष वर्मा की मुश्किलें बढ़ीं, विवादित टिप्पणी का मामला अब कोर्ट पहुँचा

भोपाल 
मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (अजाक्स) के नवनियुक्त अध्यक्ष संतोष वर्मा पर ब्राह्मण समुदाय को लेकर अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए 66 वर्षीय वकील ने इंदौर की जिला अदालत में अर्जी दायर की है। वर्मा, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं। स्थानीय वकील शैलेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने एक प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) की अदालत में आईएएस अधिकारी वर्मा के खिलाफ अर्जी दायर की है।

उन्होंने बताया, ‘‘मैं ब्राह्मण समुदाय से ताल्लुक रखता हूं और अपने समुदाय को लेकर वर्मा की आपत्तिजनक टिप्पणी से बेहद आहत हूं। मैंने अदालत से अनुरोध किया है कि वह पुलिस को आईएएस अधिकारी के खिलाफ संबंधित कानूनी प्रावधानों के तहत मामला दर्ज करने और इसकी जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश का दे।''

द्विवेदी ने बताया कि अदालत ने आईएएस अधिकारी के खिलाफ दायर अर्जी पर उनकी दलीलें सुनने के लिए चार दिसंबर की तारीख तय की है। उन्होंने अपनी अर्जी में कहा कि वर्मा ने भोपाल में पिछले महीने अजाक्स के एक कार्यक्रम के दौरान ब्राह्मण समुदाय की बेटियों के बारे में ‘बेहूदा, अश्लील, घटिया और निम्न स्तर की टिप्पणी' की थी।

अर्जी में आरोप लगाया गया है कि आईएएस अधिकारी की इस टिप्पणी से सामाजिक समरसता को ठेस पहुंची है और दो समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा हुआ है। वर्मा की विवादित टिप्पणी को लेकर सूबे के सामान्य प्रशासन विभाग ने उन्हें 26 नवंबर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और पूछा था कि क्यों न उनकी टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए?

अपने बयान पर विवाद बढ़ने के बाद वर्मा ने मीडिया के सामने सफाई देते हुए कहा था कि उनके लंबे भाषण के एक छोटे से हिस्से को चुनिंदा तौर पर प्रसारित किया गया था और उनका इरादा किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। आईएएस अधिकारी ने यह भी कहा था कि ‘तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए' उनके बयान से अगर किसी समुदाय की भावनाएं आहत हुई हों, तो वह खेद प्रकट करते हैं।

Related Articles

Back to top button