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जापान के सबसे बड़े बैंक ने भी माना भारत का लोहा, चीन से हुआ मोह भंग

नई दिल्ली

 दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी वाले देश चीन को हाल में कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे दुनिया की कई कंपनियों का चीन से मोह भंग होने लगा है। इनमें जापान के सबसे बड़े बैंक मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप इंक (MUFG) का नाम भी शामिल हो गया है। इस बैंक ने अब भारत में अपना निवेश बढ़ाने का फैसला किया है। इस फाइनेंशियल ईयर में भारत की जीडीपी ग्रोथ के सात परसेंट रहने का अनुमान है जो बड़े देशों में सबसे ज्यादा है। भारत कैपिटल मार्केट्स के लिए ब्राइट स्पॉट बनकर उभरा है। यही वजह है कि दुनियाभर की प्राइवेट इक्विटी कंपनियां और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस भारत का रुख कर रहे हैं।

एमयूएफजी के सीईओ हीरोनोरी कामेजावा ने कहा कि भारत के लिए इकनॉमिक ग्रोथ कोई चुनौती नहीं है। यह होना ही है। जापान के इस सबसे बड़े बैंक ने हाल के वर्षों में भारत में अपना निवेश बढ़ाया है। पिछले साल अगस्त में बैंक ने गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी में अपनी ब्रांच खोली थी। साथ ही बैंक ने स्टार्टअप कंपनियों के लिए एक फंड स्थापित किया है। इसी महीने उसने एक भारतीय फिनटेक कंपनी डीएमआई फाइनेंश प्राइवेट लिमिटेड में हिस्सेदारी खरीदी है।

बैक ऑफिस
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक कामेजावा ने कहा कि हम भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने कहा भारत बैंक के बैक ऑफिस ऑपरेशंस सेंटर का काम करता है। चीन की तुलना में भारत में ज्यादा संभावनाएं है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के तौर पर भारत ऐसे निवेश को आकर्षित कर सकता है जो चीन से बचना चाहता है।'

 

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