छत्तीसगढ़

शराब घोटाला केस में बड़ा खुलासा: ED की अंतिम चार्जशीट में पूर्व डिप्टी कमिश्नर आशीष श्रीवास्तव नामजद, 31 अधिकारियों के खाते सीज

रायपुर

शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 29 हजार 800 पन्नों की चार्जशीट पेश की, जिसमें आबकारी विभाग के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर आशीष श्रीवास्तव का नाम जोड़ा गया है. ईओडब्ल्यू की चार्जशीट में उनका नाम शामिल नहीं था. हालांकि अब आशीष श्रीवास्तव की सुगबुगाहट तेज हो गई है. बताया जा रहा है कि सचिव कम आयुक्त आर संगीता के तीन जनवरी को छुट्टी से लौटने के बाद कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा मामले में आरोपी बनाए गए 31 अधिकारियों के खाते को सीज कर दिया गया है. कुल 38.21 करोड़ रुपए की संपत्ति सीज की गई है. साथ ही उन अफसरों की खाते कार्रवाई में शामिल हैं, जिनकी पत्नियों के कहते में संदिग्ध ट्रांजेक्शन मिले हैं.

बता दें कि ईओडब्ल्यू की चार्जशीट में 29 अफसर आरोपी बनाए गए थे. इनमें से 22 को 7 जुलाई 2025 को सस्पेंड कर दिया गया था. बाकी 7 रिटायर हो चुके हैं. हाल ही में आयुक्त निरंजन दास को भी गिरफ्तार किया गया है.

90 करोड़ की हुई बंदरबांट

हंडी ने जांच में पाया है कि शराब घोटाले में अफसरों को करीब 90 करोड़ रुपए बांटे गए. इसमें पूर्व आयुक्त निरंजन दास को 18 करोड़ रुपए की रिश्वत दी गई. इकबाल खान को 12 करोड़, नोहर सिंह ठाकुर को 11 करोड़, नवीन प्रताप सिंह तोमर को 6.7 करोड़, राजेश जायसवाल को 5.79 करोड़, अनिमेष नेताम को 5.28 करोड़ और दिनकर वासनिक, गंभीर सिंह, अरविंद पटले, आशीष कोसम, अनंत सिंह, सौरभ बक्शी, प्रकाश पाल, गरीबपाल सिंह, मोहित जायसवाल को 2 करोड़ रुपए से अधिक की रिश्वत दी गई. आशीष श्रीवास्तव को भी 54 लाख रुपए दिए जाने के सबूत ईडी को मिले हैं.

आय से अधिक संपत्ति का केस

अधिकतर अफसरों के पास आय से अधिक संपत्ति मिली है. इसलिए इन पर एक केस आय से अधिक संपत्ति का भी चलेगा. इन्हें यह बताना होगा कि इतनी संपत्ति कहां से आई. क्योंकि अधिकतर अफसरों का वेतन वर्तमान में 1 से 1.5 लाख रुपए महीने है. ऐसे में 20 साल की नौकरी में औसत एक करोड़ से अधिक वेतन नहीं पा सकते. जबकि कई अफसरों के पास 5 करोड़ से अधिक की संपत्ति -मिली है.

 

इनकी संपत्ति अटैच कर चुकी है ईडी

क्रमांक

नाम

अचल संपत्ति ()

चल संपत्ति ()

1

नवीन प्रताप सिंह

2,44,92,905

36,19,524

2

गंभीर सिंह

1,14,15,275

49,76,561

3

मोहर सिंह ठाकुर

1,76,46,857

2,14,17,682

4

नीतू नोतानी

61,45,535

1,47,40,739

5

अरविंद पटले

1,34,06,000

92,12,729

6

प्रकाश पाल

65,41,000

70,30,866

7

अनंत कुमार सिंह

38,98,266

86,59,494

8

अश्वनी कुमार अनंत

34,08,000

8,86,559

9

अनिमेष नेताम

3,30,330

88,72,166

10

मंजूश्री केसर

34,88,000

97,17,938

11

जनार्दन सिंह कौरब

49,00,000

45,35,201

12

प्रमोद कुमार नेताम

45,23,300

28,92,454

13

देवलाल वैद्य

7,36,000

45,94,541

14

दिनकर वासनिक

45,19,582

69,12,733

15

बेदराम लहरे

48,51,000

8,42,799

16

इकबाल अहमद खान

15,61,650

49,89,359

17

मोहित जयसवाल

16,32,000

66,564

18

नितिन खंडूजा

81,81,897

3,04,391

19

जीतूराम मंडावी

30,54,324

40,85,030

20

अरलेखा राम सिदार

 

15,95,177

21

लखन लाल ध्रुव

 

1,36,51,570

22

आशीष कोसम

 

90,39,696

23

गरीबपाल सिंह

 

47,19,082

24

विजय सेन शर्मा

 

69,81,522

25

विकास गोस्वामी

 

84,595

26

सौरभ बक्शी

 

85,08,994

27

राजेश जायसवाल

 

14,11,529

28

सोनल नेताम

 

3,21,105

29

रामकृष्ण मिश्रा

9,33,717

30

आशीष श्रीवास्तव

54,00,000

 

31

निरंजन दास

8,83,33,291

 

अफसरों ने कराई थी करोड़ों की एफडी

क्रमांक

नाम

एफडी की राशि

1

अनंत सिंह

75.26 लाख

2

आलेख राम सिदार

3.90 लाख

3

देवलाल वैद्य

1.10 करोड़

4

गंभीर सिंह नेताम

40 लाख

5

सौरभ बक्शी

9 लाख

 

अफसरों की बहाली अब कोर्ट के फैसले के बाद ही संभव

सस्पेंड किए गए अफसरों को 50% वेतन दिया जाता है. नियमानुसार 90 दिन में चार्जशीट दाखिल नहीं होती है, तो वेतन 75% कर दिया जाता है. लेकिन अब ईडी ने अपनी अंतिम कंप्लेन दाखिल कर दी है, ऐसे में इन अफसरों की बहाली का रास्ता भी बंद हो गया है. अब न्यायालय से निर्णय आने के बाद ही बहाली संभव हो पाएगी. इसमें से कुछ अफसर अगले एक-दो साल में रिटायर होने वाले हैं. – वेतन लेने के लिए इन अफसरों को अब कोर्ट से अनुमति लेनी होगी, क्योंकि 5 इनके खाते ईडी ने सीज कर रखे हैं.

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