मध्य प्रदेश

अब कलेक्टरों से छीना गया CMHO और सिविल सर्जन को प्रभार देने का अधिकार

ग्वालियर.
स्वास्थ्य महकमे ने अपना दो साल पुरान आदेश रद्द करने के साथ ही कलेक्टरों से सीएमएचओ और सिविल सर्जन की तैनाती का अधीकार भी छीन लिया है। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर सचिव राकेश कुमार श्रीवास्तव ने इस संबध में आदेश जारी कर दिए है। नए आदेश के तहत अब क्षेत्रीय संचालक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन सहित सहायक अधीक्षक के पद का प्रभार किसे दिया जाए यह फैसला अब खुद स्वास्थ्य महकमें का प्रशासकीय विभाग करेगा।

ये था दो साल पहले आदेश
24 फरवरी 2021 को स्वास्थ्य विभाग ने सीएमएचओ और सिविल सर्जन की तैनाती को लेकर स्पष्ट आदेश जारी किया था। उस वक्त स्वास्थ्य विभाग के उपसचिव केड़ी त्रिपाठी ने सभी कलेक्टरों को आदेश जारी करते हुए जिले के सबसे सीनियर डॉक्टर को ही इन पदों पर तैनात करने के निर्देश दिए थे। आदेश में कहा गया था कि जिले में सीएमएचओ और सिविल सर्जन का पद खाली होने पर शासन और स्वास्थ्य संचालनालय स्तर से पोस्टिंग न होने तक कलेक्टर अपने स्तर से प्रभार देने की व्यवस्था करेंगे। सीएमएचओ व सिविल सर्जन का प्रभार जिले के सबसे वरिष्ठ विशेषज्ञ या जिला स्वास्थ्य अधिकारी को ही दिया जाएगा।

आदेश इसलिए हुआ रद्द
दो साल पुराने आदेश को रद्द किए जाने के पीछे प्रदेश में मनमर्जी से राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण ज्वाइंट डायरेक्टर, सीएमएचओ और सिविल सर्जन की अदला-बदली होना बताया जा रहा है। आदेश में स्पष्ट था कि अगर कलेक्टरों को कोई और कारण से सीनियर के बजाए जूनियर की पोस्टिंग करनी पडे़, तो पहले पूरे कारणों सहित स्वास्थ्य संचालनालय को अपना स्पष्ट अभिमत भेजना होगा। इस नियम का पालन नहीं होने पर कलेक्टरों से प्रभार देने का अधिकार छीन लिया गया है।

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