देश

आधिकारिक भाषा की सूची में राजस्थानी को शामिल करने के अनुरोध वाली जनहित याचिका खारिज

नई दिल्ली
 उच्चतम न्यायालय ने राजस्थानी भाषा को आधिकारिक भाषा की सूची में शामिल करने के बारे में केंद्र को निर्देश देने से संबंधित एक जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।

न्यायालय ने कहा कि यह मुद्दा कार्यपालिका के नीतिगत क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने पहले के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे मुद्दों पर सरकार और अन्य उपयुक्त संवैधानिक प्राधिकारियों को रिट जारी नहीं की जा सकती।

पीठ ने कहा, ''जिस राहत का अनुरोध किया जा रहा है वह राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की है। प्रतिवादी (सरकार) के वकील ने कन्हैया लाल सेठिया मामले में हमारे फैसले को रिकॉर्ड पर रखा है… हम इस विचार से सहमत हैं… हम याचिका पर विचार करने से इनकार करते हैं।''

पीठ ने रिपुदमन सिंह नामक एक वकील की ओर से दायर जनहित याचिका को खारिज करते हुए कहा कि ऐसी अन्य और भाषाएं हो सकती हैं जिन्हें शामिल करने का अनुरोध किया जा सकता है और इस तरह के मामलों पर सिर्फ कार्यपालिका ही जवाब दे सकती है।

संविधान की आठवीं अनुसूचि में आधिकारिक भाषाओं की सूची शामिल है।

 

Related Articles

Back to top button