बिज़नेस

चांदी का चीन कनेक्शन: ₹1,40,000 के पार, लेकिन सोना अचानक हुआ सस्ता—जानें 3 वजह

इंदौर 

चांदी के बाजार में रिकॉर्ड उछाल देखने को मिला है और एमसीएक्स पर इसकी कीमत पहली बार 2.5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम (Silver Price Today) के पार पहुंच गई है. पिछले हफ्ते चांदी में 31,348 रुपये यानी 15.04 फीसदी की तेजी दर्ज की गई थी. इस दौरान बाजार में आक्रामक खरीदारी देखी गई और उतार-चढ़ाव के बीच चांदी नई ऊंचाई पर पहुंच गई.

चांदी की कीमतों में लगातार तेज़ी देखने को मिल रही है और यह नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं. इसकी बड़ी वजह इंडस्ट्रियल में बढ़ती मांग, अगले साल अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, और वैश्विक सप्लाई में रुकावट को लेकर चिंता है. इसके अलावा जियो पॉलिटिकल टेंशन भी चांदी की कीमतों को समर्थन दे रहा है. पिछले हफ्ते ही चांदी की कीमतों में करीब 15% की तेज उछाल देखने को मिला था और इसकी मुख्य वजह ग्लोबल सप्लाई का सख्त होना, खासतौर पर चीन में, जहां चांदी की मांग सबसे ज्यादा है. चीन सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों का बड़ा निर्माता है, और इन सेक्टर्स में बढ़ती मांग ने चांदी की कीमतों को और ऊपर कर दिया है.

थमने का नाम नहीं ले रही चांदी
चांदी की कीमतें (Silver Price) थमने का नाम नहीं ले रही हैं. बीते सप्ताह के चार कारोबारी दिनों में ही सिल्वर रेट 32000 रुपये प्रति किलो से ज्यादा चढ़ गया था. तो वहीं सोमवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर कारोबार की शुरुआत होते ही Silver Rate अपने पिछले बंद 2,39,787 रुपये की तुलना में उछलकर 2,54,174 रुपये के नए हाई लेवल पर पहुंच गया. इस हिसाब से देखें, तो ओपनिंग के साथ ही ये कीमती धातु 14,387 रुपये महंगी हो गई. 

खुलते ही सस्ता हो गया सोना
एक ओर जहां चांदी की कीमत और इसकी रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है, तो वहीं दूसरी ओर सोने में सोमवार को सुस्ती देखने को मिली है. खुलने के साथ ही 5 फरवरी की एक्सपायरी वाला MCX Gold Rate 1,39,501 रुपये प्रति 10 ग्राम तक फिसल गया, जो इसके पिछले बंद भाव 1,39,873 रुपये की तुलना में 372 रुपये की गिरावट (Gold Price Fall) है. हालांकि, जिस तेजी से सोने का भाव बढ़ा है, उसकी तुलना में ये गिरावट मामूली ही है, लेकिन राहत भरी कही जा सकती है. 

 चांदी में 175 फीसदी का उछाल
कैलेंडर वर्ष के दौरान चांदी ने 1,52,554 रुपये की बड़ी बढ़ोतरी की है. 31 दिसंबर 2024 को 87,233 रुपये प्रति किलो का भाव था जो अब बढ़कर लगभग 175 फीसदी के उछाल के साथ नई ऊंचाई पर पहुंच गया है. चांदी ने इस तेजी के साथ निवेशकों को साल भर में जोरदार रिटर्न (MCX Silver Price) दिया है.

क्यों बढ़ती जा रही है चांदी की कीमत?

मेहता इक्विटीज के वीपी कमोडिटी Rahul Kalantri के अनुसार चांदी अब सिर्फ सोने जैसी कीमती धातु के रूप में ट्रेड नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि हाई-परफॉर्मेंस टेक्नोलॉजी में इसकी बढ़ती जरूरत, भंडार की कमी और उद्योगों की मांग इसकी बुनियाद बदल रही है. राहुल के मुताबिक चांदी सोने से अलग होती दिख रही है और 2026 में यह बेहतर निवेश अवसर दे सकती है.

Silver में तेजी का China कनेक्शन 
बात करें चांदी की कीमत में इस जोरदार तेजी (Silver Price Rise Reason) के बारे में, तो इसके एक नहीं बल्कि कई कारण नजर आते हैं. अमेरिका डॉलर के कमजोर होने और फेड रेट ट की उम्मीदों ने निवेशकों को फिर से सुरक्षित ठिकाने के तौर कीमती धातुओं की ओर मोड़ा है. चांदी की बात करें, तो खासतौर पर इसकी इंडस्ट्रियल डिमांड (Silver Demand) लगातार बढ़ रही है, जबकि सप्लाई नहीं हो पा रही है. इलेक्ट्रिक व्हीकल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स तक सभी में सिल्वर का यूज है और इससे इसकी डिमांड का अंदाजा लगाया जा सकता है.

वहीं दूसरी ओर चीन की चांदी पर सख्ती (China On Silver) की खबरों ने इसे और रफ्तार देने का काम किया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुनिया का सबसे बड़ा चांदी उत्पादक चीन नए साल की पहली तारीख यानी 1 जनवरी 2026 से Silver Export पर सख्ती करने की तैयारी में है. जिनपिंग सरकार इसका एक्सपोर्ट लाइसेंस को लेकर नियम लागू कर सकता है, जिससे इसका निर्यात सीमित हो सकता है.

दुनिया के सबसे अमीर इंसान (World's Richest Person) और इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला (Tesla) के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) ने भी चांदी की कीमतों पर चिंता जताई है. दि गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने एक ट्विटर (अब X) पोस्ट में लिखा है कि, 'यह अच्छा नहीं है, कई इंडस्ट्रियल प्रक्रियाओं में चांदी की आवश्यकता होती है.'

चांदी पर चीन का बड़ा फैसला
कमोडिटी बाजार विशेषज्ञों ने बताया कि चीन (China News) में सप्लाई टाइट होने और वैश्विक मार्केट में उपलब्धता कम होने से यह तेजी देखने को मिली है. चीन चांदी का सबसे बड़ा उपभोक्ता है और सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल उत्पादन में इसकी प्रमुख भूमिका है. विश्लेषकों के अनुसार बीजिंग 1 जनवरी 2026 से चांदी के निर्यात पर नियंत्रण लागू करेगा जिसके लिए लाइसेंस जरूरी होगा. यह व्यवस्था 2027 तक जारी रहने की संभावना है जिससे वैश्विक सप्लाई चेन पर असर पड़ेगा.

2026 में भी महंगा हो सकता है Gold Silver
विश्लेषकों का कहना है कि सोने और चांदी में 2026 में भी बढ़त देखी जा सकती है. इसका कारण ग्लोबल रेट कट की उम्मीद, सेफ हेवन डिमांड और मजबूती वाली इंडस्ट्रियल जरूरतें बताई जा रही हैं. हालांकि ट्रेडर्स के लिए यह भी कहा गया है कि 2025 की असाधारण रैली के बाद तेजी की रफ्तार मध्यम हो सकती है.

चांदी के रेट में क्यों देखने को मिल रही है तेजी?

चांदी की मांग- चांदी के भाव में तेजी आने के पीछे कुछ अहम वजहें शामिल है. मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस सिक्योरिटीज़ के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट जिगर त्रिवेदी ने बताया है कि चांदी कई सालों से सप्लाई की कमी में है. दुनिया भर में खानों से निकलने वाली चांदी की मात्रा मांग को पूरा नहीं कर पा रही और स्टॉक्स भी लगातार घट रहे हैं. अगर यह कमी और बढ़ती है, तो चांदी की कीमतें और अधिक ऊंची हो सकती हैं.

इसी तरह, अक्षा कांबोज़, जो भारत बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) की वाइस प्रेसिडेंट और Aspect Global Ventures की एक्ज़ीक्यूटिव चेयरपर्सन हैं, उन्होंने बताया कि सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहन, सेमीकंडक्टर और एनर्जी निवेशों में इंडस्ट्री की बढ़ती मांग और खानों से उत्पादन में कमी के कारण चांदी की आपूर्ति लगातार कम हो रही है और स्टॉक पर्याप्त नहीं हैं. सोने की तरह चांदी की कीमतों को भी कई फैक्टर्स प्रभावित करते हैं, लेकिन चांदी के पास एक अलग फैक्टर है और वो है इंडस्ट्रियल मांग. यह धातु कई नए और उभरते उद्योगों के लिए बेहद जरूरी है.

अमेरिकी डॉलर की कमजोरी- रिलायंस सिक्योरिटीज़ के जिगर त्रिवेदी के अनुसार, चांदी सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs), 5G/AI इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य क्लीन-टेक इन्फ्रास्ट्रक्चर में अहम भूमिका निभाती है. जैसे-जैसे ये सेक्टर बढ़ेंगे, इंडस्ट्रियल मांग आपूर्ति से आगे निकल सकती है, जिससे मार्केट और सख्त हो जाएगी. इसके अलावा कमज़ोर डॉलर और सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग भी चांदी की कीमतों को बढ़ा सकती है और Comex पर 2026 तक $100 प्रति औंस तक ले जा सकती है. चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी का एक और कारण सुरक्षित निवेश (safe-haven) की बढ़ती मांग है. अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और भू-राजनीतिक तनाव ने चांदी के लिए अनुकूल माहौल बनाया है.

जियो-पॉलिटकल टेंशन- अक्षा कांबोज़ के अनुसार, अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और डॉलर इंडेक्स की गिरावट, साथ ही जियो-पॉलिटकल टेंशन ने सुरक्षित निवेश और सट्टेबाजी को बढ़ावा दिया है, जिससे चांदी की मांग और कीमतें बढ़ रही हैं. सोने-चांदी रेश्यो (Gold-Silver Ratio) इस समय करीब 60 पर है, जो चांदी की शक्ति और अच्छे परफॉर्मेंस को दिखाता है. यह रेश्यो बताता है कि एक यूनिट सोने के लिए कितने यूनिट चांदी की जरूरत है. वर्तमान में, एक ग्राम सोने के लिए 60 ग्राम चांदी लेनी पड़ती है. पिछले कुछ सालों में यह रेश्यो अक्सर करीब 90 के आस-पास रहता रहा है. इसका मतलब है कि अभी चांदी सोने के मुकाबले सस्ती नहीं बल्कि बेहतर परफॉर्म कर रही है.

Related Articles

Back to top button